अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50% टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने की धमकी के बाद वैश्विक बाज़ारों में भारी उथल-पुथल देखने को मिली। जबकि स्टॉक मार्केट दबाव में आ गया, बिटकॉइन ने नई ऊंचाइयों को छू लिया।
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बिटकॉइन की कीमत ने $1,11,000 का आंकड़ा पार कर लिया, जो मई 2025 के रिकॉर्ड के करीब है।
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शुरूआत में ट्रंप की टैरिफ नीति की घोषणा के बाद बिटकॉइन $1,08,000 तक गिरा, लेकिन निवेशकों ने इस गिरावट को खरीदारी के मौके के रूप में लिया।
टैरिफ से क्रिप्टो को कैसे मिल रहा है फायदा?
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सुरक्षित निवेश विकल्प: ट्रेड वॉर और वैश्विक अनिश्चितता के दौर में निवेशक ऐसे एसेट्स की ओर रुख करते हैं जो शेयर बाजार से असंबंधित हों—बिटकॉइन उनमें प्रमुख है।
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संस्थागत निवेश बढ़ा: अमेरिकी ETF और म्यूचुअल फंड्स में क्रिप्टो पर आधारित निवेश तेजी से बढ़ रहे हैं।
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फेडरल रिजर्व की नीति: ब्याज दरों को लेकर बाजार में अनुमान है कि टैरिफ से आर्थिक दबाव बढ़ेगा, जिससे ब्याज दर बढ़ोतरी टल सकती है—यह भी जोखिम वाली संपत्तियों के लिए पॉजिटिव है।
संभावित उतार-चढ़ाव और सावधानी की ज़रूरत
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार:
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बिटकॉइन जैसे एसेट्स में शॉर्ट-टर्म करेक्शन आम बात है।
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जैसे ही टैरिफ से जुड़ी तारीखें करीब आएंगी, उतार-चढ़ाव और तेज़ हो सकते हैं।
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फिर भी संस्थागत समर्थन और मैक्रो संकेतक दीर्घकालिक मजबूती दिखा रहे हैं।
क्या बिटकॉइन $1.5 लाख डॉलर तक पहुंच सकता है?
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क्रिप्टो निवेश फर्म Bitwise ने साल के अंत तक बिटकॉइन के $2,00,000 तक पहुंचने का अनुमान दोहराया है।
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स्टैंडर्ड चार्टर्ड जैसे बैंक भी क्रिप्टो की दीर्घकालिक मजबूती में भरोसा जता चुके हैं।
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निवेशक मान रहे हैं कि अगर वैश्विक व्यापारिक तनाव कम होता है तो बिटकॉइन अगला बड़ा ब्रेकआउट कर सकता है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप के 50% टैरिफ के ऐलान ने एक बार फिर वैश्विक बाजारों को हिला दिया है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी—खासकर बिटकॉइन—इस आर्थिक तूफान में ‘डिजिटल गोल्ड’ के रूप में उभर रही है। यदि बाज़ार की उम्मीदें सही साबित होती हैं, तो बिटकॉइन जल्द ही $1.5 लाख डॉलर के आंकड़े को पार कर सकता है।