भारतीय वायुसेना (IAF) का एक Jaguar ट्रेनर फाइटर जेट बुधवार को राजस्थान के चूरू ज़िले में एक प्रशिक्षण उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में दोनों पायलटों की दुखद मृत्यु हो गई है।
यह विमान सुबह 12:40 बजे के करीब भानूदा गांव के पास खेतों में गिरा। दुर्घटना के तुरंत बाद आग लग गई और मलबा खेतों में 200 फीट तक फैल गया। ग्रामीणों ने तेज़ आवाज़ और धुएं की सूचना पुलिस और एयरफोर्स को दी।
शहीद पायलटों की पहचान:
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स्क्वाड्रन लीडर लोकेन्द्र सिंह सिंधु — हरियाणा के रोहतक से
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फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषिराज सिंह देवड़ा — राजस्थान के सुमेरपुर से
दोनों पायलट वायुसेना की ‘5 टस्कर्स स्क्वाड्रन’ से थे। भारतीय वायुसेना ने उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
IAF की प्रतिक्रिया और जांच:
भारतीय वायुसेना ने दुर्घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि इस घटना की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं। दुर्घटना के कारणों की गहराई से जांच की जाएगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हादसे पर दुख जताते हुए कहा, “देश को गर्व है इन जांबाज़ पायलटों पर, जिन्होंने अंतिम सांस तक सेवा की।”
जागरूकता और चिंता:
Jaguar जेट की यह पांच महीनों में तीसरी दुर्घटना है। इससे पहले अम्बाला और जामनगर में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। इसने वायुसेना के पुराने हो चुके फ्लीट की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Jaguar फ्लीट को 2028–2031 के बीच चरणबद्ध तरीके से रिटायर करने की योजना है, जिसे Tejas Mk1A जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों से बदला जाएगा।
निष्कर्ष:
यह हादसा केवल एक तकनीकी या प्रशिक्षण चूक नहीं, बल्कि वायुसेना की आधुनिकरण की ज़रूरत को भी उजागर करता है। दोनों पायलटों का बलिदान कभी नहीं भुलाया जा सकेगा और इस हादसे की जांच से भविष्य में सुरक्षा बेहतर बनाने की दिशा में अहम कदम उठाए जाएंगे।