भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को उतार-चढ़ाव भरे कारोबार के बाद अंततः गिरावट का रुख देखने को मिला। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही सूचकांक लाल निशान पर बंद हुए। ऑटो, मेटल और बैंकिंग सेक्टर में बिकवाली का दबाव प्रमुख रहा, जबकि कुछ दवा और एफएमसीजी शेयरों में सीमित तेजी देखने को मिली।
दिनभर का कारोबार:
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बीएसई सेंसेक्स 80,000 के ऊपर खुलने के बाद दिनभर के कारोबार में 83,500 से 82,900 के बीच झूलता रहा और अंत में 0.13% की गिरावट के साथ 83,425.21 अंकों पर बंद हुआ।
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एनएसई निफ्टी 50 भी हल्की कमजोरी के साथ बंद हुआ और दिन का कारोबार 25,435 के उच्च स्तर और 25,400 के निचले स्तर के बीच रहा।
टॉप गेनर्स:
(जिन शेयरों में सबसे ज़्यादा बढ़त हुई)
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एशियन पेंट्स
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एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस
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डिविस लैब्स
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ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज
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एचडीएफसी लाइफ
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एनटीपीसी
इन कंपनियों में निवेशकों की खरीदारी देखी गई, खासकर हेल्थकेयर और एफएमसीजी सेक्टर में।
टॉप लूज़र्स:
(जिन शेयरों में सबसे ज़्यादा गिरावट आई)
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महिंद्रा एंड महिंद्रा
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मारुति सुजुकी
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टाटा स्टील
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एसबीआई
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आईसीआईसीआई बैंक
ऑटो और मेटल शेयरों में मुनाफावसूली देखने को मिली। बैंकिंग सेक्टर भी दबाव में रहा।
वैश्विक संकेत और असर:
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अमेरिका और ब्राज़ील के बीच संभावित टैरिफ तनाव ने वैश्विक बाजारों में घबराहट पैदा की, जिसका असर घरेलू निवेशकों की धारणा पर भी पड़ा।
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एशिया-पैसिफिक मार्केट में भी मिलाजुला रुख रहा — जापान और कोरिया में कमजोरी तो ऑस्ट्रेलियाई बाजार में बढ़त दर्ज की गई।
विश्लेषकों की राय:
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि हालिया गिरावट मुनाफावसूली और वैश्विक अनिश्चितताओं का नतीजा है। हालांकि, कुछ सेक्टर जैसे हेल्थकेयर और एफएमसीजी में स्थिरता बनी हुई है।
“बाजार फिलहाल समेकन की स्थिति में है। लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह गिरावट एक अवसर भी हो सकती है,” — नवीन अग्रवाल, शेयर बाजार विश्लेषक
निष्कर्ष:
10 जुलाई को घरेलू शेयर बाजार में हल्की गिरावट रही। वैश्विक अनिश्चितताओं और सेक्टोरल प्रेशर के चलते निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ही लाल निशान पर बंद हुए। आने वाले दिनों में वैश्विक आर्थिक संकेत और कंपनियों की तिमाही नतीजे बाज़ार की दिशा तय करेंगे।