महाराष्ट्र में भाषा को लेकर चल रहा विवाद एक बार फिर उग्र हो गया है। इस बार मामला तब सामने आया जब शिवसेना के एक विधायक पर मुंबई स्थित एक सरकारी कैंटीन के मालिक को कथित रूप से पीटने का आरोप लगा। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे राजनीति में नई बहस छिड़ गई है।
घटना का विवरण:
सूत्रों के मुताबिक, कैंटीन में भोजन के दौरान कैंटीन मालिक और विधायक के बीच भाषा को लेकर बहस हो गई। विधायक ने कथित रूप से कैंटीन मालिक से मराठी में बात न करने पर आपत्ति जताई और बात इतनी बढ़ गई कि उन्होंने हाथापाई कर दी।
वीडियो में विधायक को गुस्से में कैंटीन मालिक को धमकाते और मारते हुए देखा जा सकता है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विधायक ने कैंटीन स्टाफ को भी अपशब्द कहे और उन्हें “मराठी न बोलने पर सबक सिखाने” की धमकी दी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:
इस घटना के बाद विपक्षी पार्टियों ने शिवसेना और राज्य सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस और बीजेपी नेताओं ने इसे “भाषाई गुंडागर्दी” करार दिया और विधायक की गिरफ्तारी की मांग की।
वहीं, शिवसेना ने विधायक के व्यवहार का बचाव करते हुए कहा कि राज्य में मराठी भाषा का सम्मान किया जाना चाहिए। हालांकि पार्टी ने वीडियो की पुष्टि या खंडन नहीं किया है।
जनता की नाराज़गी:
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कई यूज़र्स ने इसे “भाषाई असहिष्णुता” बताया और पूछा कि क्या महाराष्ट्र में अब गैर-मराठी भाषियों के लिए जगह नहीं है?
कानूनी पहलू:
पुलिस ने मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक विधायक के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
निष्कर्ष:
महाराष्ट्र में भाषा को लेकर जारी खींचतान अब हिंसक घटनाओं तक पहुंच चुकी है। यदि समय रहते इस मुद्दे को सुलझाया नहीं गया, तो यह सामाजिक सौहार्द पर बड़ा असर डाल सकता है।